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सोमवार, 31 अगस्त 2020

हिंदू धर्म में 27 नक्षत्र एवं 18 पुराणों के नाम

  हिंदू धर्म में 27 नक्षत्र एवं 18 पुराणों के नाम



 नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि हमारे हिंदू धर्म में कितने नक्षत्र होते हैं और उनके क्या-क्या नाम हैं और साथ ही साथ हम पुराणों के बारे में भी जान लेंगे और समस्त पुराणों के नाम को भी जानेंगे।


 नक्षत्र एवं उनके नाम

 हमारे हिंदू धर्म में ज्योतिष विद्या  का महत्व है जो हमारे ब्रह्मांड की खगोलीय घटनाओं के बारे में बताता है जिसमें नक्षत्र का बहुत बड़ा महत्व होता है। नक्षत्रों की कुल संख्या 27 है जिनके नाम निम्नलिखित हैं-


नक्षत्र
27 नक्षत्र 




 पश्चिम से पूर्व की ओर इनके नाम इस प्रकार हैं


 अश्विनी , भरणी , कृतिका , रोहिणी,  मृगशिरा , आर्द्रा , पुनर्वसु , पुष्य , आश्लेषा , मघा , पूर्वा- फाल्गुनी , उत्तरा-फाल्गुनी , हस्त , चित्रा , स्वाती , विशाखा , अनुराधा , ज्येष्ठा , मूल , पूर्वाखाड़ा ,  उत्तराधिकारी,  धनिष्ठा , शतभिषा , पूर्वाभाद्रपद , उत्तराभाद्रपद ,  और रेवती 

यदि प्रत्येक नक्षत्र को चार चरणों में बांटा गया है उत्तराखाणा के चौथे चरण और श्रवण के पहले 15वें भाग को  अभिजित नक्षत्र कहते  हैं कृतिका नक्षत्र का एक नाम कचवचिया भी है।

पूराण एवं पूराण के नाम 



 हमारे हिंदू धर्म में पूराण  भी अत्यधिक महत्व रखते हैं जो हमारे धर्म के बारे में जानकारी देते हैं और हमें ज्ञान प्रदान करते हैं हमारे हिंदू धर्म में पुराणों की संख्या 18 बताई गई है।


पूराण




 जिसमें श्रीमद्भागवत महापुराण सबसे अधिक महत्व रखता है अन्य पुराण भी अपने अपने जगह पर महत्त्व रखते हैं।


 उनके नाम निम्नलिखित हैं-

 मत्स्य पुराण , मार्कंडेय पुराण , भविष्य पुराण , भागवत महापुराण , ब्रह्मांड पुराण ,:ब्रह्मा वैवर्त पुराण , ब्रह्मा पुराण , वामन पुराण , वाराह पुराण , विष्णु पुराण ,  अग्नि पुराण , पदम पुराण , लिंग पुराण ,  कुर्म पुराण , स्कंद पुराण , नारद पुराण , वायू पूराण और  गरूण पूराण



 आशा दोस्तों आप लोगों को मेरी पोस्ट अच्छी लगी होगी और आपको इससे जरूर कुछ ना कुछ ज्ञान प्राप्त हुआ होगा।



 धन्यवाद

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